31 अगस्त 2015

हिन्दी का दर्द

हम कोशिश में हैं कि
हिन्‍दी बने राष्‍ट्रभाषा
पर ऊँचे ओहदों पर बैठे
अपनी पीढ़ी को लेकिन
पढ़ा रहे अंग्रेजी भाषा
आरक्षण के लिए एक हैं
लोग, समाज सब इकजुट
नहीं किसी को पड़ी राष्‍ट्र की
उसकी क्‍या है अभिलाषा
सभी राज्‍य अपनी भाषा को
अनुसूची में चाहते देखना
नहीं किसी को पड़ी राष्‍ट्र की 
अपनी हिन्‍दी बने राष्‍ट्रभाषा
गॉंधी के घर में ही गाँधीवाद
धराशायी होता हम देख रहे हैं
क्‍यों फि‍र स्‍वप्‍न राष्‍ट्रभाषा का
हम देख रहे हैं? 
शिक्षा दिवस, हिन्‍दी दिवस
मनाकर क्‍यों हम अपनी
संचित ऊर्जा को
व्‍यर्थ फैंक रहे हैं
अंग्रेज चले गये, लेकिन
अंग्रेजी छोड़ गये
संस्‍कार का अपना
चोला छोड़ गये
भारत में काले अंग्रेजों का 
जब तक न होगा बहिष्‍कार
गाँधी के देश में अंग्रेजी का
जब तक न होगा संहार
नहीं आएगा रामराज्‍य !!!
और न बन पायेगी
अपनी हिन्‍दी राष्‍ट्रभाषा
यही दर्द लिये हिन्‍दी
जीती रहेगी, क्‍योंकि
हमने अपनाई है
गाँ--धी--वा--दी--धारा !!!
अहिंसा की विचारधारा !!!

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