7 अक्तूबर 2016

वंदे मातरं (हायकु गीतिका)

(चूँकि हायकु एक वार्णिक छन्‍द (5/7/5) है, इसलिए इस गीतिका में मात्रा भार पर ध्‍यान नहीं दिया गया है। )

हो गया शुरु / क़ातिलों को काटना / वंदे मातरं।
हो गया शुरु / फ़ासिलों को काटना / वंदे मातरं।1

गिद्ध दृष्टिसे / देखेंगे तो देखना/ कैसे भागेंगे
हो गया शुरु / नाजियों को काटना / वंदे मातरं। 2

कायरो सुनो / अब जो हाथों पड़े / हाथ जायेंगे
हो गया शुरु / बाजुओं को काटना / वंदे मातरं।3

रक्‍त की होली / जान पर खेली है / कैसे छोड़ेंगे
हो गया शुरु /  नादिरों को काटना / वंदे मातरं।4

जिन पातों से / चाल चली सालों से / मात खायेंगे
हो गया शुरु / काफ़ि‍रों को काटना/ वंदे मातरं।5

क़ातिलों- हत्‍यारे; फासिलों- अलग करने वाले; 
नाजियों- नाज़ी जैसे अत्‍याचार करने वाले; 
नादिरों- नादिरशाही की तरह क्रूर कृत्‍य करने वाले; 
क़ाफिरों- धर्म को न मानने वाले। 

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