24 जनवरी 2017

जो जीत के न पा सके

गीतिकाा

छंद- नराचिका  
वाचिक मापनी पर आधारित
2212 1212


जो जीत के न पा सके
वो रीति से न पा सके

जो पालता है दंभ को
वो नीति से न पा सके

हैं वीर वो स्‍वदेश की
सेवा में’ काम आ सके

वो राज है जहान में
जो प्रीति से बना सके

बी‍ती वही बिसारते
जो वर्द्धमान ला सके

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