24 फ़रवरी 2017

महाशिवरात्रि पर एक गीतिका

शिव ही है कल्याण अनवरत उसे भजिए सदा
शिव ही है विश्वास हृदयस्थ उसे रखिए सदा

सुन्दरम्, सत्यम्-शिवम् का रूप है यह महादेव
सिद्ध मंत्र ओम् नम: शिवायजपते रहिए सदा

गौरी-गणेश-कार्तिकेयके हैं शिव आराध्य देव,
त्रिदेवों में इक देव हैं उपासना करिए सदा

कालकूट विष पी कर कहलाये महा नीलकंठ,
विश्वात्मा त्रिनेत्रधारी के अनुचर बनिए सदा.

होते प्रसन्न शीघ्र ये दयालु हैं ऐसे आकुल

अघोरी साधु-संत समागम से बस बचिए सदा.

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